बाराबंकी: दिव्यांग अनाथालय में दो नाबालिग लड़कियों से गैंगरेप, संचालक समेत तीन गिरफ्तार
Gang Rape In Barabanki
Gang Rape In Barabanki: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया. यहां संचालित होने वाले दिव्यांग अनाथालय में दो नाबालिग लड़कियों से गैंगरेप किया गया. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संस्थान के प्रबंधक सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं जिलाधिकारी बाराबंकी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कमेटी का गठन कर अनाथालय का निरीक्षण कराया. दिव्यांग अनाथालय में व्यवस्था सही न होने पर एक आश्रित को उसके घर और तीन अज्ञात आश्रितों को लखनऊ शिफ्ट कराया गया है.
अनाथालय की संचालिका ने ही इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की थी. संचालिका की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए छानबीन की, जिसके बाद मामला सही पाए जाने पर पुलिस ने संस्थान के प्रबंधक सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उन्हें जेल भेज दिया है.
संचालिका ने की शिकायत
पूरा मामला बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र के गांव नरेन्द्रपुर में स्थित अमर दिव्यांग सेवा संस्थान आश्रय गृह का है. इस अमर दिव्यांग सेवा संस्थान आश्रय गृह की संचालिका सुनीता देवी ने 9 जुलाई को हैदरगढ़ थाने की पुलिस को सूचना दी कि दिनांक 21 जून को संस्थान के डायरेक्टर राजेश कुमार रत्नाकर अपने साथी रामकैलाश और अमृता देवी के साथ अपनी सफेद कार से आए और आश्रय गृह में रहने वाली एक दिव्यांग युवती को अपने साथ बहला फुसला कर ले गए. बाराबंकी पुलिस ने युवती का बयान लिया और तीनों आरोपियों को बाराबंकी जेल भेज दिया है.
तीन लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
संचालिका सुनीता ने पुलिस को यह भी बताया कि इससे पहले भी 25 और 30 अप्रैल को राजेश कुमार रत्नाकर अपने साथी रामकैलाश के साथ आया और उसने दो दिव्यांग युवतियों के साथ गलत काम किया. संचालिका की सूचना पर हैदरगढ़ पुलिस ने आश्रय गृह के डायरेक्टर राजेश कुमार रत्नाकर, संस्था का पूर्व चौकीदार राम कैलाश और संस्था की सदस्या अमृता देवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. पुलिस और फारेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल करते हुए सभी सबूतों को इकठ्ठा किया. फिलहाल तीनों को गिरफ्तार कर मामले की जांच की जा रही है. वहीं जिलाधिकारी बाराबंकी ने कमेटी का गठन कर अनाथालय का निरीक्षण कराया और व्यवस्था सही न होने पर एक आश्रित को उसके घर और तीन अज्ञात आश्रितों को लखनऊ शिफ्ट करवा दिया है.